राकेश कुर्मी ने प्रदेश का बडा शराब घोटाला किया, जांच की है जरूरत

जिले में शराब का प्रदेश का बडा घोटाला...चोर दरवाजे से बिकवाई शराब, फिर दर्ज कराई रिपोर्ट.......
आबकारी विभाग के खेल को समझना नहीं है आसान...


सतना। जिला आबकारी विभाग के सुनियोजित खेल में अहम किरदार निभाने का काम विभागीय अधिकारी और शराब ठेकेदारों की पहचान बन गया है। अंग्रेजी और देशी शराब ठेकेदारों के साथ मिलकर जिला आबकारी विभाग पहले चोर दरवाजे से पीछे की तरफ से शराब बिकवाता है और फिर सुनियोजित तरीके से रिपोर्ट दर्ज कराई जाती है। सतना शहर और जिले भर में कुल 72 अंग्रेजी और देशी शराब दुकान संचालित होती है। सतना जिले की शराब दुकानों में 31 मार्च को स्टाक की गणना होने के उपरांत दुकानों पर सामूहिक रूप से ताला लगा दिया गया था। अब सवाल यह उठता है कि जब अंग्रेजी और देशी शराब दुकानों को 31/03/2020 को बंद करवा दिया गया तो दुकानों में रखी शराब कहां गायब हो गई। जिला आबकारी अधिकारी राकेश कुर्मी, आबकारी इंस्पेक्टरो  की सांठगांठ से ही लाक डाउन के बीच सिस्टम बनाया गया है। सबसे पहले जिला आबकारी विभाग ने ही अंग्रेजी और देशी शराब दुकान में ताला लगाकर बंद किया और फिर इन्हीं लोगों ने गुपचुप दूसरे दरवाजों से ठेकेदारों की शराब बिक्री करवा डाली। पूरे खेल से बचने के लिए जिला आबकारी विभाग ने ही दबाव बनवाकर रिपोर्ट दर्ज कराई है। विगत दिवस चार अलग-अलग शराब दुकानों की तरफ से रिपोर्ट दर्ज कराई है। जिन शराब दुकानों के खिलाफ सुनियोजित तरीके से कार्रवाई को आबकारी विभाग ने अंजाम दिया है, इनमें सेमरिया चौराहे पर संचालित अंग्रेजी शराब दुकान, सज्जनपुर देशी शराब दुकान, टपरिया बस्ती बिरला की तरफ संचालित दुकानों के खिलाफ कार्रवाई को तरीके से अंजाम दिया गया है। वाह रे सतना का जिला आबकारी विभाग , पहले खुद पूरी तरह से बंद शराब दुकानों से शराब पीछे के दरवाजे से बिकवाई गई और अपनी बचत करने के लिए अंत में तीन से चार शराब दुकानों के खिलाफ कार्रवाई को जानबूझकर अंजाम दिया गया है। 
31 मार्च और वर्तमान का रिकार्ड सत्यापन कराएं.....
कोरोनावायरस महामारी के बीच घोषित लाक डाउन के दौरान अंग्रेजी और देशी शराब दुकान को मध्य प्रदेश सरकार ने बंद करवा दिया गया। 31/03/2020 के दौरान शराब दुकानों में मौजूद शराब की गणना कर ली गई। दुकानों पर ताला लगे होने के बाद भी पिछले दरवाजे से शराब की अवैध बिक्री खुद जिला आबकारी विभाग के अधिकारियों ने करवाई गई। जिले भर में 72 शराब दुकानों की मौजूदगी बनी हुई है। आबकारी इंस्पेक्टर और अधिकारी की साठ गांठ से मिलकर सतना जिले में शराब की अवैध पैकारी को बढ़ावा देने में सफल होते हैं। यदि कलेक्टर अजय कटेसरिया यदि शराब दुकानों पर 31 मार्च को मौजूद रिकार्ड और मौजूदा दुकानों के स्टाक का मिलान करें तो एक बड़ा शराब घोटाला सतना जिले में उजागर हो जाएगा।